एक तरफ उत्तराखंड के युवा रोजगार की तलाश में महानगरों का रुख कर रहे हैं, जिससे प्रदेश के गांवों से पलायन हो रहा है और कई गांव ?घोस्ट विलेज? में तब्दील हो चुके हैं, तो वहीं इस दौर में एक लड़की मेट्रो सिटी की जॉब छोड़कर वापस उत्तराखंड आती है और मशरूम की खेती करना शुरू करती है. इसके बाद उसका नाम ?मशरूम गर्ल? (Mushroom Girl of Dehradun) ही पड़ जाता है. तो आज हम आपको मशरूम गर्ल दिव्या रावत (Divya Rawat) की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने न केवल खुद के लिए रोजगार की उड़ान भरी बल्कि पहाड़ों के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को भी उम्मीदों के पंख लगाए.
मशरूम गर्ल यानी दिव्या रावत ने News 18 Local को बताया कि उनका जन्म उत्तराखंड के चमोली जनपद में हुआ था. देहरादून में स्कूलिंग के बाद दिव्या आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गईं, जहां से उन्होंने सोशल वर्क में स्नातक व स्नाकोत्तर डिग्री कर नौकरी करना शुरू कर दिया. दिव्या को समझ आ गया था कि युवाओं और महिलाओं के लिए उन्हें कुछ करना चाहिए, इसलिए वह नौकरी छोड़कर वापस उत्तराखंड आईं और फिर मशरूम की खेती सीखने के लिए वह कई राज्यों और विदेश भी गईं. मशरूम की खेती की तकनीक सीखने के बाद दिव्या रावत उत्तराखंड लौटीं और फिर उन्होंने गांव-गांव जाकर महिलाओं और युवाओं को मशरूम की खेती सिखाना शुरू कर दिया.